१. उसकी गोद में मेरा सर
प्यार से बाल सहलाता हाथ
जन्नत तो बस है यही
जब हूँ अपनी माँ के साथ .
२. जबसे ये तुमसे निगाहें मिली हैं
तबसे ये ज़िन्दगी हुई कितनी हसीं है !
बादलों में , फूलों में दिखे तेरा ही चेहरा
तुझसे ही ये रातें .. रोशन मेरा सवेरा !
अरे ज़ालिम - अब तो ये सितम बंद कर दे !!
३. कभी जहां भी मिलता है कभी पत्थर भी मिलते हैं
बहते हैं कभी आंसूं जिसमें प्यार के सपने पलते हैं
बीचा दो गे के क़दमों में हंसीं गुलाब का एक रास्ता
पर खून भी बहता है कांटे तो उसी में चुभते हैं
४. ये निगाहें ढूँढती उन निगाहों को कभी
जो न पूछतीं तुम कौन हो ... क्या हो तुम
चालक पड़तीं हैं कुछ बूँद .. हैं मुस्कुराकर बोलती
तरस रही थी मैं ... तुम अब तक थे कहाँ ?
5. poochte ho hamari hasti bhi kya hai
ajnabi hi samajh lo , inaayat hi hogi
6. Khuda ne is tarah tarashah hai tumko
ki dekhun na aise to kahin bura na maan le
7. Mile is tarah jo hum tum
mat samjho koi bhool hui hai
mano na ya mano tum
meri dua koi kabool hui hai
5. poochte ho hamari hasti bhi kya hai
ajnabi hi samajh lo , inaayat hi hogi
6. Khuda ne is tarah tarashah hai tumko
ki dekhun na aise to kahin bura na maan le
7. Mile is tarah jo hum tum
mat samjho koi bhool hui hai
mano na ya mano tum
meri dua koi kabool hui hai